ओज, तेज और आयुर्वेद: योगासनों द्वारा ऊर्जा शोधन

ओज, तेज और आयुर्वेद: योगासनों द्वारा ऊर्जा शोधन

1. ओज क्या है: आयुर्वेदिक दृष्टिकोणभारतीय आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, ओज जीवन ऊर्जा का वह सूक्ष्म सार है जो शरीर, मन और आत्मा को जीवंत बनाता है। ओज शब्द संस्कृत…
आयुर्वेदिक दोषा और उनके नियंत्रण में योग की भूमिका

आयुर्वेदिक दोषा और उनके नियंत्रण में योग की भूमिका

आयुर्वेदिक दोषा का संक्षिप्त परिचयआयुर्वेद, जो भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, शरीर और मन के संतुलन पर विशेष ध्यान देता है। आयुर्वेद में दोषा – वात, पित्त और कफ…
योगासन और प्राणायाम से प्रतिरक्षा प्रणाली का सुदृढ़ीकरण

योगासन और प्राणायाम से प्रतिरक्षा प्रणाली का सुदृढ़ीकरण

परिचय: भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में योग और प्राणायाम का महत्वभारतीय संस्कृति में योगासन और प्राणायाम का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रहा है। यह न केवल आध्यात्मिक साधना का माध्यम…
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हेतु योगासनों का चयन

रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हेतु योगासनों का चयन

1. भाषा और संस्कृति में रोग प्रतिरोधक क्षमता की महत्ताभारतीय समाज में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) का महत्व अत्यंत गहरा है, जो न केवल चिकित्सा पद्धतियों बल्कि सांस्कृतिक, भाषाई और…
प्रसिद्ध योगासन और आयुर्वेदिक लाभ: एक व्यापक अध्ययन

प्रसिद्ध योगासन और आयुर्वेदिक लाभ: एक व्यापक अध्ययन

1. परिचय: योग और आयुर्वेद का पारंपरिक महत्वभारत की सांस्कृतिक विरासत में योग और आयुर्वेद का विशेष स्थान रहा है। प्राचीन काल से ही इन दोनों विधाओं ने न केवल…
आयुर्वेद में योगासन: तन, मन और आत्मा के संयोग की वैज्ञानिक व्याख्या

आयुर्वेद में योगासन: तन, मन और आत्मा के संयोग की वैज्ञानिक व्याख्या

1. आयुर्वेद और योग: सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमिभारत की सांस्कृतिक विरासत में आयुर्वेद और योग दोनों का गहरा स्थान है। ये दोनों प्राचीन विज्ञान न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए,…
योग और प्राणायाम: सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए उनकी भूमिका

योग और प्राणायाम: सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए उनकी भूमिका

1. योग और प्राणायाम का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वभारतीय संस्कृति में योग और प्राणायाम की उत्पत्तियोग और प्राणायाम भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। इनकी शुरुआत हजारों साल पहले भारत की…