स्नान से संबंधित प्रमुख आयुर्वेदिक ग्रंथों की चर्चा

स्नान से संबंधित प्रमुख आयुर्वेदिक ग्रंथों की चर्चा

1. स्नान का आयुर्वेद में महत्वआयुर्वेद भारतीय संस्कृति की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें स्नान को केवल शरीर की सफाई का माध्यम नहीं, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य और संतुलन प्राप्त करने…
योग और ध्यान के साथ पंचकर्म का समन्वय

योग और ध्यान के साथ पंचकर्म का समन्वय

1. परिचय: पंचकर्म, योग और ध्यान की भूमिकाभारतीय संस्कृति में आयुर्वेदिक पंचकर्म, योग और ध्यान का एक विशेष स्थान है। हजारों वर्षों से हमारे देश में शारीरिक, मानसिक और आत्मिक…
सर्दियों में जठराग्नि मजबूत करने के लिए पारंपरिक उपाय

सर्दियों में जठराग्नि मजबूत करने के लिए पारंपरिक उपाय

1. सर्दियों में जठराग्नि का महत्त्वभारत में सर्दियों के मौसम में पाचन शक्ति यानी जठराग्नि कमजोर हो सकती है। ठंड के कारण शरीर की ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा खुद…
धूप और अभ्यंग: भारतीय त्योहारों और रीति-रिवाजों में उनकी भूमिका

धूप और अभ्यंग: भारतीय त्योहारों और रीति-रिवाजों में उनकी भूमिका

धूप और अभ्यंग का अर्थ और ऐतिहासिक पृष्ठभूमिभारतीय संस्कृति में धूप (अग्नि या अगरबत्ती जलाना) और अभ्यंग (तेल मालिश) की एक गहरी सांस्कृतिक विरासत है। धूप का तात्पर्य है सुगंधित…
ग्रीष्म ऋतु में मानसिक शांति बनाए रखने की आयुर्वेदिक रणनीति

ग्रीष्म ऋतु में मानसिक शांति बनाए रखने की आयुर्वेदिक रणनीति

1. ग्रीष्म ऋतु में मन की देखभाल का आयुर्वेदिक महत्वभारतीय संस्कृति में आयुर्वेद को जीवन का विज्ञान कहा गया है, जिसमें शरीर और मन दोनों की देखभाल पर ज़ोर दिया…
अभ्यंग (तेल मालिश): शरीर, मन और आत्मा के लिए दैनिक अनुष्ठान

अभ्यंग (तेल मालिश): शरीर, मन और आत्मा के लिए दैनिक अनुष्ठान

1. अभ्यंग का आयुर्वेद में महत्वअभ्यंग क्या है?अभ्यंग, जिसे तेल मालिश भी कहा जाता है, भारतीय आयुर्वेदिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल शरीर की देखभाल के…
सुपाच्य भोजन और त्रिदोष संतुलन: पारंपरिक भारतीय व्यंजन

सुपाच्य भोजन और त्रिदोष संतुलन: पारंपरिक भारतीय व्यंजन

1. त्रिदोष का परिचय और सुपाच्य भोजन का महत्वआयुर्वेद भारतीय संस्कृति की एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसमें स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शरीर के तीन मुख्य दोषों –…
आयुर्वेद में तैलीय मालिश (अभ्यंग): वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य दृष्टिकोण

आयुर्वेद में तैलीय मालिश (अभ्यंग): वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य दृष्टिकोण

1. आयुर्वेद में अभ्यंग का परिचयभारतीय परंपरा में अभ्यंग (तेल मालिश) का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वआयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जिसमें शरीर, मन और आत्मा की समग्र देखभाल…
मौसमी दिनचर्या (ऋतुचर्या) और त्रिदोष संतुलन का विज्ञान

मौसमी दिनचर्या (ऋतुचर्या) और त्रिदोष संतुलन का विज्ञान

ऋतुचर्या का परिचय: पारंपरिक भारतीय स्वास्थ्य अवधारणाभारतीय आयुर्वेद में ऋतुचर्या का विशेष स्थान है। "ऋतु" का अर्थ है मौसम या सीजन और "चर्या" का मतलब है आचरण या दिनचर्या। यानी…
कौन-कौन सी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ गहरी नींद में सहायक होती हैं: भारत के विभिन्न क्षेत्रों की दृष्टि

कौन-कौन सी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ गहरी नींद में सहायक होती हैं: भारत के विभिन्न क्षेत्रों की दृष्टि

1. आयुर्वेदिक नींद की महत्वपूर्णता और पारंपरिक दृष्टिकोणभारत में गहरी नींद को हमेशा से स्वास्थ्य और जीवन शक्ति का आधार माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, स्वस्थ शरीर, मन और…