हृदय रोग की रोकथाम: भारतीय खानपान व योग के ज़रिए स्वस्थ दिल

हृदय रोग की रोकथाम: भारतीय खानपान व योग के ज़रिए स्वस्थ दिल

1. हृदय रोग: भारतीय संदर्भ में संक्षिप्त परिचयभारत में हृदय रोग की बढ़ती समस्याआज के समय में हृदय रोग भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गया है। शहरी और…
प्रौढ़ावस्था में डायबिटीज़ का प्रबंधन: भारतीय जीवनशैली और आयुर्वेदिक उपाय

प्रौढ़ावस्था में डायबिटीज़ का प्रबंधन: भारतीय जीवनशैली और आयुर्वेदिक उपाय

1. प्रौढ़ावस्था में डायबिटीज़: एक भारतीय परिप्रेक्ष्यभारत में जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे डायबिटीज़ (मधुमेह) की समस्या भी आम होती जा रही है। खासकर प्रौढ़ावस्था यानी 45 वर्ष के बाद,…
गर्भावस्था में योग और प्राणायाम: भारतीय पारंपरिक विधियाँ

गर्भावस्था में योग और प्राणायाम: भारतीय पारंपरिक विधियाँ

1. भारतीय संदर्भ में गर्भावस्था का महत्वभारतीय संस्कृति में गर्भावस्था को जीवन का पवित्र चरण माना जाता है, जिसमें नारी के शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास पर बल दिया जाता…
गर्भावस्था में भावनात्मक स्वास्थ्य का प्रबंधन: आयुर्वेद के सुझाव

गर्भावस्था में भावनात्मक स्वास्थ्य का प्रबंधन: आयुर्वेद के सुझाव

1. गर्भावस्था में भावनात्मक उतार-चढ़ाव: सामान्य अनुभव और भारतीय संदर्भगर्भावस्था के दौरान महिलाओं की भावनाओं में होने वाले बदलावगर्भावस्था के समय महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव…
गर्भवती महिलाओं के लिए स्वस्थ आहार: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

गर्भवती महिलाओं के लिए स्वस्थ आहार: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

1. गर्भावस्था में आयुर्वेद का महत्वभारतीय संस्कृति में गर्भावस्था और आयुर्वेदभारत में गर्भावस्था को एक पवित्र और महत्वपूर्ण समय माना जाता है। भारतीय परंपराओं के अनुसार, इस समय स्त्री के…
पोषण और आहार: किशोरों की संतुलित दिनचर्या में पौष्टिक भोजन की भूमिका

पोषण और आहार: किशोरों की संतुलित दिनचर्या में पौष्टिक भोजन की भूमिका

1. किशोरावस्था में पोषण का महत्वकिशोरावस्था, यानी टीनएज का समय, बच्चों के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण होता है। इस दौरान शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से तेजी से बदलाव…
किशोरों के लिए आदर्श नींद पैटर्न: उम्र के अनुसार् आवश्यकताएँ और सुझाव

किशोरों के लिए आदर्श नींद पैटर्न: उम्र के अनुसार् आवश्यकताएँ और सुझाव

1. किशोरों के लिए नींद की महत्ताकिशोरावस्था में नींद का महत्वकिशोरावस्था (13 से 19 वर्ष) जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है जिसमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास तीव्र गति से…
किशोरों में संतुलित दिनचर्या का महत्व: शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास

किशोरों में संतुलित दिनचर्या का महत्व: शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास

संतुलित दिनचर्या का अर्थ और आवश्यकताकिशोरावस्था जीवन का वह चरण है जब बच्चे शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से तेज़ी से बढ़ते हैं। ऐसे समय में संतुलित दिनचर्या यानी बैलेंस्ड…
भारतीय परिवारों में शिशुओं के लिए जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग

भारतीय परिवारों में शिशुओं के लिए जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग

1. भारतीय पारिवारिक परंपराओं में शिशु देखभालभारतीय समाज में शिशुओं की देखभाल एक गहरी सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। यहाँ परंपरागत ज्ञान, घरेलू नुस्खे और पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही औषधीय…
भारत में नवजात शिशु के लिए पारंपरिक पोषण के उपाय

भारत में नवजात शिशु के लिए पारंपरिक पोषण के उपाय

1. परिचय: भारत में शिशु पोषण की सांस्कृतिक पृष्ठभूमिभारत में नवजात शिशु के लिए पारंपरिक पोषण के उपाय सदियों पुरानी परंपराओं और सामाजिक विश्वासों पर आधारित हैं। भारतीय संस्कृति में…