1. गर्मियों में पाचन तंत्र का ध्यान
गर्मियों के मौसम में हमारा पाचन तंत्र सामान्य दिनों की तुलना में थोड़ा कमजोर हो जाता है। आयुर्वेद के अनुसार इस समय हल्का, ठंडा और सुपाच्य भोजन लेना चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर रहे। नीचे दिए गए सुझावों को अपनाकर आप अपने पाचन तंत्र का बेहतर ख्याल रख सकते हैं:
क्या करें (Dos)
- हल्का और सुपाच्य भोजन लें जैसे दही, छाछ, मौसमी फल (तरबूज, खरबूजा, आम) तथा हरी सब्जियाँ (ककड़ी, लौकी, तुरई)।
- ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करें जैसे नींबू पानी, जलजीरा या छाछ।
- दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीएँ ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
- खाने के साथ सलाद जरूर शामिल करें, खासकर खीरा और टमाटर।
क्या न करें (Donts)
- मसालेदार, तला हुआ और भारी भोजन खाने से बचें क्योंकि ये पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
- बहुत अधिक तेल या घी वाले व्यंजन न खाएँ।
- अत्यधिक चाय या कॉफी से परहेज करें क्योंकि ये शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं।
- डिब्बाबंद या प्रिज़र्व किए हुए फूड्स कम खाएँ।
गर्मियों के लिए उचित और अनुचित आहार
अनुशंसित आहार (खाएँ) | बचने योग्य आहार (न खाएँ) |
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दही, छाछ, मौसमी फल, हरी सब्जियाँ | मसालेदार करी, तला हुआ खाना, अधिक तेल/घी वाले व्यंजन |
नींबू पानी, जलजीरा, नारियल पानी | अत्यधिक चाय/कॉफी |
सलाद (खीरा, टमाटर) | डिब्बाबंद फूड्स |
आयुर्वेदिक टिप्स:
- खाने के तुरंत बाद भारी गतिविधि न करें; कुछ देर आराम करें।
- भोजन को अच्छी तरह चबा-चबा कर खाएँ ताकि पाचन आसान हो सके।
- ताजे और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें।
2. शरीर को ठंडा रखने के आयुर्वेदिक उपाय
गर्मियों में शरीर को कैसे ठंडा रखें?
गर्मियों में तेज़ धूप और गर्म हवाओं से बचना बेहद ज़रूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर की ठंडक बनाए रखने के लिए कुछ खास घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं। नीचे दिए गए सुझाव भारतीय परंपरा और संस्कृति में आमतौर पर इस्तेमाल होते हैं।
शरीर को ठंडा रखने वाले पेय पदार्थ
पेय पदार्थ | फायदे | कैसे सेवन करें |
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नारियल पानी | शरीर को हाइड्रेट करता है, इलेक्ट्रोलाइट्स भरपूर होते हैं | दिन में 1-2 बार पी सकते हैं, खासकर धूप से आने के बाद |
आम पना | गर्मी से राहत देता है, पेट को ठंडक पहुंचाता है | दोपहर के खाने के बाद या बाहर से आने पर लें |
बेल शरबत | पाचन में मदद करता है, गर्मी से बचाव करता है | सुबह या शाम को एक गिलास सेवन करें |
गिलोय का रस | इम्यूनिटी बढ़ाता है, शरीर को डिटॉक्स करता है | डॉक्टर की सलाह अनुसार सीमित मात्रा में लें |
अन्य आयुर्वेदिक सुझाव
- ज्यादा समय धूप में जाने से बचें: कोशिश करें कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बाहर न निकलें। अगर निकलना ही पड़े तो छाता या टोपी का इस्तेमाल करें।
- कॉटन के हल्के कपड़े पहनें: सूती और हल्के रंगों के कपड़े पहनने से शरीर को हवा मिलती है और पसीना जल्दी सूख जाता है। इससे स्किन रैशेज़ और एलर्जी से भी बचाव होता है।
- ठंडे पानी से स्नान करें: दिन में दो बार ठंडे पानी से स्नान करने से शरीर की गर्मी कम होती है और ताजगी महसूस होती है।
- खाने में सलाद और मौसमी फल शामिल करें: खीरा, तरबूज, ककड़ी जैसे फलों का सेवन अधिक करें क्योंकि ये शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते।
इन आसान उपायों को अपनाकर आप गर्मियों में अपने शरीर को स्वस्थ और ठंडा रख सकते हैं। आयुर्वेदिक जीवनशैली के ये टिप्स हर भारतीय घर में आसानी से अपनाए जा सकते हैं।
3. नियमित योग और प्राणायाम
गर्मी में योग और प्राणायाम का महत्व
गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडा और मन को शांत रखना बहुत जरूरी होता है। आयुर्वेद के अनुसार, नियमित योग और प्राणायाम से शरीर की गर्मी कम होती है और ऊर्जा का संचार बना रहता है। सही तरीके से किए गए योगासन और प्राणायाम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, बल्कि मानसिक तनाव भी दूर करते हैं।
सरल योगासन जो गर्मियों में लाभकारी हैं
योगासन/प्राणायाम | लाभ |
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भ्रामरी प्राणायाम | मन को शांत करता है, तनाव घटाता है |
शीतली प्राणायाम | शरीर को ठंडक पहुंचाता है, पित्त दोष संतुलित करता है |
अनुलोम-विलोम | सांस की नली साफ करता है, ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है |
कैसे करें ये अभ्यास?
- प्रतिदिन सुबह या शाम इन सरल योगासनों का अभ्यास करें।
- भारी व्यायाम या बहुत अधिक थकाने वाले आसनों से बचें, क्योंकि इससे शरीर में अतिरिक्त गर्मी पैदा हो सकती है।
- खुले और हवादार स्थान पर योग करें, ताकि ताजगी बनी रहे।
ध्यान देने योग्य बातें
- अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या हो तो योग प्रशिक्षक से सलाह लें।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं और हल्के कपड़े पहनकर ही योग करें।
इस तरह आप गर्मियों में आयुर्वेदिक जीवनशैली को अपनाकर खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। नियमित योग और प्राणायाम से शरीर ठंडा रहता है, मन प्रसन्न रहता है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है।
4. पर्याप्त जल और हाइड्रेशन पर ध्यान दें
गर्मियों में हाइड्रेशन क्यों ज़रूरी है?
गर्मियों के मौसम में शरीर का तापमान बढ़ जाता है और पसीने के रूप में काफी मात्रा में पानी बाहर निकल जाता है। ऐसे में शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, सही मात्रा में जल पीना न केवल शरीर को ठंडा रखता है बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है।
क्या पिएँ और क्या नहीं?
क्या पिएँ | क्या न पिएँ |
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सादा पानी | कोल्ड ड्रिंक्स |
नींबू पानी (शक्कर कम डालें) | बर्फ वाले पेय |
आयुर्वेदिक हर्बल ड्रिंक्स (जैसे बेल का शरबत, आम पन्ना, सौंफ या धनिया का पानी) |
बोतल बंद जूस या पैकेज्ड ड्रिंक्स |
दिनभर खूब पानी और हर्बल ड्रिंक्स पिएँ
आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाते हुए दिनभर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीते रहें। साथ ही आप चाहें तो घर पर बने हर्बल ड्रिंक्स जैसे बेल शरबत, आम पन्ना या सौंफ-धनिया का पानी भी शामिल कर सकते हैं। ये पेय शरीर को ठंडक देते हैं और ताजगी बनाए रखते हैं।
ठंडे कोल्ड ड्रिंक्स और बर्फ वाले पेयों से बचें
गर्मियों में अक्सर लोग ठंडे, मीठे या बर्फ वाले पेयों की तरफ आकर्षित होते हैं। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार ऐसे पेय पाचन शक्ति को कमजोर करते हैं और शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। बोतल बंद जूस या पैकेज्ड ड्रिंक्स में प्रिज़रवेटिव्स व अत्यधिक शक्कर होती है, इसलिए इन्हें अवॉयड करें।
महत्वपूर्ण सुझाव:
- पानी हमेशा कमरे के तापमान पर या हल्का ठंडा ही पिएँ।
- भूख लगने पर ही हर्बल ड्रिंक लें; ज्यादा न लें।
- हर्बल ड्रिंक्स घर पर ताजे सामग्री से बनाएं।
पर्याप्त जल और सही प्रकार के पेय गर्मियों में आपकी सेहत की रक्षा करते हैं और आपको ऊर्जावान बनाए रखते हैं। अपने दैनिक रूटीन में इन बातों को जरूर शामिल करें ताकि आप आयुर्वेदिक जीवनशैली का पूरा लाभ उठा सकें।
5. गर्मियों में नींद और दिनचर्या की सलाह
गर्मियों के मौसम में आयुर्वेद के अनुसार नींद और रोज़मर्रा की दिनचर्या को संतुलित रखना बहुत जरूरी है। तेज़ गर्मी में शरीर को ताजगी और ऊर्जा मिलती रहे, इसके लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। नीचे दी गई सलाहें आपकी गर्मियों की दिनचर्या को बेहतर बनाने में मदद करेंगी:
समय पर सोना और उठना
आयुर्वेद में बताया गया है कि गर्मियों में जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना सेहत के लिए फायदेमंद रहता है। इससे शरीर को ठंडक मिलती है और मन शांत रहता है। कोशिश करें कि रात को 10 बजे तक सो जाएं और सूर्योदय से पहले उठें।
सोने और उठने का सही समय
दिनचर्या | समय (अनुशंसित) |
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सोने का समय | रात 10:00 बजे तक |
जागने का समय | सुबह 5:00-6:00 बजे के बीच |
दोपहर में बहुत अधिक न सोएँ
गर्मियों में दोपहर के वक्त हल्की झपकी ली जा सकती है, लेकिन ज्यादा देर तक सोना आलस्य बढ़ा सकता है और पाचन पर असर डालता है। यदि बहुत थकावट महसूस हो तो 20-30 मिनट से ज्यादा न सोएँ। इससे शरीर ऊर्जावान बना रहेगा।
दोपहर की झपकी के लाभ और सावधानियाँ
लाभ | सावधानी |
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ऊर्जा मिलती है, थकान दूर होती है | अत्यधिक नींद पाचन बिगाड़ सकती है, आलस्य ला सकती है |
मूड अच्छा होता है | अत्यधिक नींद से सिर भारी हो सकता है |
शरीर को आराम देने के लिए मेडिटेशन और ध्यान करें
गर्मियों की तेज़ धूप और तपन से शरीर ही नहीं, मन भी बेचैन हो सकता है। ऐसे में रोज़ाना ध्यान (मेडिटेशन) करने से मन शांत रहता है और नींद भी अच्छी आती है। आप सुबह या शाम के समय 10-15 मिनट तक गहरी सांस लें और ध्यान केंद्रित करें। यह तनाव कम करता है और पूरे दिन तरोताजा महसूस कराता है।
ध्यान रखने वाली बातें:
- ध्यान या मेडिटेशन शांत जगह पर बैठकर करें।
- आरामदायक कपड़े पहनें ताकि शरीर खुला रहे।
- गर्मियों में ध्यान करते समय पानी पास रखें, जिससे डिहाइड्रेशन न हो।
- सोने से पहले हल्की प्राणायाम क्रिया कर सकते हैं जिससे नींद बेहतर आएगी।