पंचकर्म का ऐतिहासिक विकास और आयुर्वेद में उसकी जगह

पंचकर्म का ऐतिहासिक विकास और आयुर्वेद में उसकी जगह

1. आयुर्वेद की उत्पत्ति और उसके मूल सिद्धांतआयुर्वेद की ऐतिहासिक पृष्ठभूमिआयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जिसका इतिहास हज़ारों वर्षों पुराना है। यह वेदों के काल से जुड़ा हुआ…
वात दोष असंतुलन के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार

वात दोष असंतुलन के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार

1. वात दोष क्या है?आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में वात दोष को तीन मुख्य दोषों (त्रिदोष) में से एक माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर का संतुलन इन तीन दोषों…
त्रिदोष संतुलन के लिए आयुर्वेदिक आहार सम्बन्धी सिफारिशें

त्रिदोष संतुलन के लिए आयुर्वेदिक आहार सम्बन्धी सिफारिशें

1. आयुर्वेद में त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) का महत्वभारतीय सांस्कृतिक और वैदिक परंपरा में त्रिदोष का अर्थआयुर्वेद भारतीय जीवनशैली और चिकित्सा की प्राचीन पद्धति है। इसमें त्रिदोष का सिद्धांत बहुत…
आयुर्वेद के दृष्टिकोण से वात, पित्त, कफ का परिचय और उनका महत्त्व

आयुर्वेद के दृष्टिकोण से वात, पित्त, कफ का परिचय और उनका महत्त्व

1. आयुर्वेद का मूल सिद्धांत: त्रिदोष का महत्वभारतीय संस्कृति में आयुर्वेद को जीवन का विज्ञान माना जाता है। यह केवल उपचार पद्धति नहीं, बल्कि सम्पूर्ण जीवनशैली है। आयुर्वेद के अनुसार,…
सर्दियों में स्वास्थ्य की देखभाल: ऋतुचर्या के आयुर्वेदिक उपाय

सर्दियों में स्वास्थ्य की देखभाल: ऋतुचर्या के आयुर्वेदिक उपाय

1. सर्दियों में शरीर का संतुलन: दोषों का महत्त्वआयुर्वेद में दोष क्या हैं?आयुर्वेदिक चिकित्सा में, हमारे शरीर में तीन मुख्य दोष होते हैं – वाता, पित्त और कफ। ये दोष…
गर्मियों में आयुर्वेदिक जीवनशैली: क्या करें और क्या न करें

गर्मियों में आयुर्वेदिक जीवनशैली: क्या करें और क्या न करें

1. गर्मियों में पाचन तंत्र का ध्यानगर्मियों के मौसम में हमारा पाचन तंत्र सामान्य दिनों की तुलना में थोड़ा कमजोर हो जाता है। आयुर्वेद के अनुसार इस समय हल्का, ठंडा…
ऋतुओं के अनुसार भोजन की परंपराएँ: आयुर्वेद की दृष्टि से

ऋतुओं के अनुसार भोजन की परंपराएँ: आयुर्वेद की दृष्टि से

1. ऋतुओं का भारतीय संदर्भ में महत्वभारत एक विशाल और विविधता से भरा देश है, जहां की जलवायु और भौगोलिक स्थिति के कारण अलग-अलग ऋतुएँ देखने को मिलती हैं। भारतीय…
दिनचर्या और ऋतुचर्या: आयुर्वेदिक जीवनशैली का मौसमी संतुलन

दिनचर्या और ऋतुचर्या: आयुर्वेदिक जीवनशैली का मौसमी संतुलन

1. आयुर्वेदिक दिनचर्या: दैनिक जीवनशैली के सिद्धांतआयुर्वेदिक जीवनशैली में दिनचर्या का बहुत महत्व है। यह मान्यता है कि एक संतुलित और नियमित दिनचर्या न केवल शरीर को स्वस्थ रखती है,…
प्राचीन आयुर्वेदिक दिनचर्या के लाभ और आज के समय में उनकी प्रासंगिकता

प्राचीन आयुर्वेदिक दिनचर्या के लाभ और आज के समय में उनकी प्रासंगिकता

आयुर्वेदिक दिनचर्या का ऐतिहासिक महत्वआयुर्वेद, जिसका अर्थ है "जीवन का विज्ञान," भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है। इसका इतिहास हजारों वर्षों पुराना है और यह वैदिक काल से जुड़ा…
आयुर्वेदिक दिनचर्या: एक स्वस्थ और संतुलित जीवन के लिए मूलमंत्र

आयुर्वेदिक दिनचर्या: एक स्वस्थ और संतुलित जीवन के लिए मूलमंत्र

1. आयुर्वेदिक दिनचर्या का महत्वआयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें स्वस्थ और संतुलित जीवन के लिए दिनचर्या (Daily Routine) पर विशेष जोर दिया गया है। आयुर्वेद में दिनचर्या…