अश्वगंधा का उपयोग तनाव और चिंता प्रबंधन में कैसे करें

अश्वगंधा का उपयोग तनाव और चिंता प्रबंधन में कैसे करें

अश्वगंधा का परिचय और भारतीय आयुर्वेद में इसका महत्वअश्वगंधा, जिसे भारतीय जिनसेंग या विथानिया सोम्निफेरा के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा…
घर पर बनायें आयुर्वेदिक चाय: सबसे प्रभावशाली रेसिपी

घर पर बनायें आयुर्वेदिक चाय: सबसे प्रभावशाली रेसिपी

1. आयुर्वेदिक चाय का महत्व भारतीय जीवनशैली मेंभारतीय संस्कृति में आयुर्वेदिक चाय का विशेष स्थान है। यह न केवल एक पेय है, बल्कि सदियों से पारंपरिक हीलिंग और घरेलू स्वास्थ्य…
सात्विक जीवनशैली: योग और आहार का मिलन

सात्विक जीवनशैली: योग और आहार का मिलन

1. सात्विक जीवनशैली का परिचयभारतीय संस्कृति में सात्विक जीवनशैली का विशेष स्थान है। सात्विक शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है शुद्ध, शांत और संतुलित। यह जीवनशैली मुख्यतः…
किशोर और टीनएज बच्चों के लिए योग के विशेष अभ्यास

किशोर और टीनएज बच्चों के लिए योग के विशेष अभ्यास

परिचय: किशोर और टीनएज बच्चों के स्वास्थ्य में योग की भूमिकाभारतीय संस्कृति और परंपरा में योग का विशेष स्थान है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक और…
आयुर्वेदिक दोषा और उनके नियंत्रण में योग की भूमिका

आयुर्वेदिक दोषा और उनके नियंत्रण में योग की भूमिका

आयुर्वेदिक दोषा का संक्षिप्त परिचयआयुर्वेद, जो भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, शरीर और मन के संतुलन पर विशेष ध्यान देता है। आयुर्वेद में दोषा – वात, पित्त और कफ…
वात, पित्त, कफ के अनुसार निद्रा और जीवनशैली प्रबंधन

वात, पित्त, कफ के अनुसार निद्रा और जीवनशैली प्रबंधन

1. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से निद्रा का महत्वभारतीय आयुर्वेद में निद्रा को जीवन के तीन प्रमुख स्तंभों में से एक माना गया है, जो वात, पित्त और कफ – इन त्रिदोषों…
वसंत ऋतु में मानसिक स्वास्थ्य का संरक्षण: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

वसंत ऋतु में मानसिक स्वास्थ्य का संरक्षण: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

वसंत ऋतु और मानसिक स्वास्थ्य का संबंधभारत में वसंत ऋतु, जिसे बसंत भी कहा जाता है, जीवन में नई ऊर्जा और ताजगी का प्रतीक मानी जाती है। यह मौसम न…
आयुर्वेद के अनुसार शरीर की प्रकृति और त्वचा रोगों का संबंध

आयुर्वेद के अनुसार शरीर की प्रकृति और त्वचा रोगों का संबंध

1. आयुर्वेद में शरीर की प्रकृति का परिचयआयुर्वेद, जो कि भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, के अनुसार हर व्यक्ति का शरीर तीन मुख्य प्रकृति या दोषों—वात, पित्त और कफ—के…
ब्राह्मी का दीर्घकालिक सेवन: संभावित जोखिम और सतर्कताएँ

ब्राह्मी का दीर्घकालिक सेवन: संभावित जोखिम और सतर्कताएँ

1. ब्राह्मी का परिचय और पारंपरिक उपयोगभारत में ब्राह्मी (Bacopa monnieri) एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, जिसे प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में विशिष्ट स्थान प्राप्त है।…
भारतीय घरों में रसोई से प्लास्टिक का सफाया: पारंपरिक बर्तनों की वापसी

भारतीय घरों में रसोई से प्लास्टिक का सफाया: पारंपरिक बर्तनों की वापसी

1. भारतीय रसोई में प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग की समस्याभारतीय घरों में रसोई सदैव सांस्कृतिक, पारिवारिक और पोषण संबंधी गतिविधियों का केंद्र रही है। पिछले कुछ दशकों में, यहाँ प्लास्टिक…